चाँद सूरज की परस्तिश, हम नहीं करते
दुनिया के माबूतों के आगे नहीं झुकते
क्योकि ज़िंदा खुदा है हमारा - ४
खुशखबरी फैलाएंगे, रूह में बढ़ते जायेंगे
खोये सब इंसानों को, पास येशु के लाएंगे
शैतानों के तूफानों से, हम नहीं डरते -२
क्योकि ज़िंदा खुदा है हमारा
तेरे गम को बढ़ा देंगे, वो तुझे न शिफा देंगे
जो हुए मट्टी के ढेर, वो किसी को क्या देंगे -२
इसीलिए दर गैरों के, हम नहीं जाते
क्योकि ज़िंदा खुदा है हमारा
जब सताइश होती है, रूह की बारिश होती है
येशु तेरी हज़ूरी में, रूह की जुम्बिश होती है -२
तेरी कूवत से खाली, हम नहीं रहते
क्योकि ज़िंदा खुदा है हमारा
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