Khitaab (Full Lyrics) | Rajiv Smith


मुझे मेरा जो भी है बनता, खुदा खिताब देगा 

बेशुमार दुःख है मुझे बेअंत खुदा लाभ देगा 

मेरा ईमान है , ईमान है , ईमान है, रूहे खुदा 

जो न मुकम्मल, हो सके न, खुदा ख्वाब देगा 

मुझे मेरा जो भी,,,


मंज़िल पे पहुंचू न मैं, बैठे है रकीब, हर एक मोड़ पे,

ताब और रहबर है खुदा, रहूँगा आगे हर एक दौड़ में -२

मेरी खामोशी, का एक दिन , खुदा जवाब देगा 

मुझे मेरा जो भी,,,


इनायत करेगा खुद, चाहे लोगों ने, तुच्छ है जाना 

अनोखा मंज़र पायेगा, जिन्होने वचनों को कुछ है जाना 

सबकी सोचो से, खुदा बढ़के, बेहिसाब देगा 

मुझे मेरा जो भी,,,

 

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